परमात्माप्राप्ति में बाधक असुर और उन्हें मारने के उपाय-पूज्य बापू जी
पद्म पुराण के उत्तर खण्ड में आया है कि जय विजय भगवान के पार्षद थे । ‘जय’ माने ‘अहंता’ और ‘विजय’ माने ‘ममता’ । भगवान सच्चिदानंद होने पर भी अहंता और ममता के कारण अनुभव में नहीं आते । जय विजय भगवान के पार्षद बने हुए हैं लेकिन उन्हें अपनी अहंता है, अपने पद की …