328-329 ऋषि प्रसादः अप्रैल-मई 2020

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

ध्यान और जप हैं एक दूसरे के परिपोषक


(जप के बाद क्या करें ?) संतों एवं शास्त्रों ने ध्यानसहित भगवन्नाम-जप की महिमा गाकर संसार का बड़ा उपकार किया है क्योंकि सब लोग जप के साथ ध्यान नहीं करते । अतः ध्यान के बिना उन्हें विशेष लाभ भी नहीं होता । लोभी की भाँति भगवन्नाम अधिकाधिक जपना चाहिए और कामी की भाँति निरंतर स्वरूप …

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पिता को खोजने गया, परम पिता को पा लिया


एक बालक बचपन में ही पितृहीन हो गया था । एक दिन उसने अपनी माँ से पूछाः “माता ! मेरे सभी साथी अपने-अपने पिता की बात करते हैं, क्या मेरे पिता नहीं हैं ? यदि हैं तो वे कहाँ हैं ?” बालक के इस सवाल को सुन माता के नेत्र भर आये और वह सत्संगी …

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तुम भी बन सकते हो अपनी 21 पीढ़ियों के उद्धारक-पूज्य बापू जी


प्राचीन काल की बात है । नर्मदा नदी जहाँ से निकलती है वहाँ अमरकंटक क्षेत्र में सोमशर्मा नामक एक ब्राह्मण रहता था । उसकी पत्नी का नाम था सुमना । सुमना के पुत्र का नाम था सुव्रत । सुव्रत जिस गुरुकुल में पढ़ता था वहाँ के कुछ शिक्षक, आचार्य ऐसे पवित्रात्मा थे कि वे उसे …

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