एक नृशंस व्याध ने कैसे पाया ऋषियों में अग्रगण्य स्थान ?
वराह पुराण में एक कथा आती है । पूर्वकल्प में आरूणी नाम के एक तपस्वी ऋषि देविका नदी के तट पर आश्रम बनाकर रहते थे । एक बार स्नान के बाद जब वे संध्या, जप कर रहे थे तब एक व्याध उनके वस्त्र छीनने और उन्हें मारने के विचार से आया । लेकिन ऋषि का …