विवेकी और वैरागी…. एक से बढ़कर एक ! – पूज्य् बापू जी
गुरु से दीक्षा लिये हुए दो साधक कहीं यात्रा करने जा रहे थे । उन्होंने दीक्षा लेकर साधुत्व स्वीकार कर लिया था । उनमें से एक था विवेकी और दूसरा था वैरागी । सत्संग सुना, विवेक जगाना है तो बन गये साधु । अब दोनों गुरुभाई यात्रा करते-करते 8वें दिन कहीं पहुँचे । विवेकी से …