330 ऋषि प्रसादः जून 2020

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

विवेकी और वैरागी…. एक से बढ़कर एक ! – पूज्य् बापू जी


गुरु से दीक्षा लिये हुए दो साधक कहीं यात्रा करने जा रहे थे । उन्होंने दीक्षा लेकर साधुत्व स्वीकार कर लिया था । उनमें से एक था विवेकी और दूसरा था वैरागी । सत्संग सुना, विवेक जगाना है तो बन गये साधु । अब दोनों गुरुभाई यात्रा करते-करते 8वें दिन कहीं पहुँचे । विवेकी से …

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पूर्णता किससे – कर्मकाण्ड, योग या तत्त्वज्ञान से ? – पूज्य बापू जी


भगवान वेदव्यासजी के शिष्य थे जैमिनी । जैमिनी न  अपने शिष्य को कर्मकाण्ड, यज्ञ-याग सिखाया और कहाः “वत्स ! अब तू स्वर्ग का अधिकारी हो गया ।” यज्ञ, जप-तप करने से बुद्धि पवित्र होती है । यज्ञो दानं तपश्चैव पावनानि मनीषिनाम् ।। ‘यज्ञ, दान और तप – ये बुद्धिमान पुरुषों को पवित्र करने  वाले हैं …

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अनुसंधान एवं विश्लेषण है सफलता की कुंजी – पूज्य बापू जी


व्यक्ति जिस किसी क्षेत्र में जितना एकाग्र होता है उतना ही चमकता है । पशु और मनुष्य के बच्चे में मौलिक फर्क यह है कि पशु का बच्चा डंडे खाकर जो बात 6 महीने में अनुकरण करता है या सीखता है, वही बात मनुष्य का बच्चा 6 मिनट में सीख के, करके दिखा देगा । …

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