साधक सेवा करें, निंदकों से न डरें – पूज्य बापू जी
कबिरा निंदक न मिलो पापी मिलो हजार । एक निंदक के माथे पर लाख पापिन को भार ।। जो निर्दोषों पर झूठे आरोप लगाते हैं, अनर्गल प्रलाप करते हैं, फैलाते हैं उनको पता ही नहीं कि वे अपना भविष्य कितना अंधकारमय कर रहे हैं ! भारत के प्रथम राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र बाबू के विषय में …