346 ऋषि प्रसादः अक्टूबर 2021

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

शिष्य का कर्तव्य क्या है ?


प्रश्नः गुरुदेव ! शिष्य का कर्तव्य क्या है ? पूज्य बापू जीः गुरुकृपा ही केवलं शिष्यस्य परं मङ्गलम् । तुम्हें जो अच्छा लगे वह तुम्हारा कर्तव्य नहीं है, गुरु की जो आज्ञा है, तुम्हारे परम हितैषी सद्गुरु को जो अच्छा लगे वही तुम्हारा कर्तव्य है बच्चे ! तुम्हें जो अच्छा लगा है वह सदियों से …

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‘यदि तू इस धर्मयुक्त युद्ध को नहीं करेगा तो पाप को प्राप्त होगा’


कई बार धार्मिक लोगों के जीवन में ऐसा अवसर आ जाता है जब वे अर्जुन की भाँति कर्तव्य का निर्णय करने में असमर्थ से हो जाते हैं । ऐसे में  वेद भगवान मार्ग दिखाते हैं- हे मनुष्य ! मनुष्यकृत बातों से हटता हुआ ईश्वरीय वचन को श्रेष्ठ मान के स्वीकार करता हुआ तू इन देवी …

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सद्गुरु ही मेरे लिये सबकुछ हैं


एक बार भगवान श्रीकृष्ण रूप बदलकर चैतन्य महाप्रभु के एकशिष्य के पास पहुँचे । उन्होंने पूछाः “बेटा ! तुम्हारे जीवन का लक्ष्यक्या है ?”शिष्यः “श्रीकृष्ण की प्राप्ति ।”“तुम्हारा धाम क्या है ?”“वृंदावन ।”“मंत्र क्या है ?”“हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे… यही मेरा मंत्र है ।”“तुम्हारी साधना पद्धति क्या है ?”“श्रीकृष्ण का ध्यान …

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