ऋषि प्रसाद

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

तो समझ लेना चाहिए कि मोह प्रबल है


रावण ने हनुमान जी से पूछाः “रे वानर ! तुमने मेरी वाटिका क्योंउजाड़ दी, बताओ तुम कौन हो ? और तुम्हारे पीछे किसका बल है ?”हनुमान जी को लगा कि बहुत अच्छा अवसर है, अब इसे भगवत्कथासुना ही दी जाय ! जब हनुमान जी का मिलन भरत जी से हुआ था तोउन्होंने उनके प्रश्न का …

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चॉकलेट के दुष्परिणामों से बचकर
अपनायें स्वास्थ्य-हितकर तुलसी गोली !


बच्चों का रुचिकर चॉकलेट उनके स्वास्थ्य के लिए कितना घातकहै इस बात को या तो हम गम्भीरता से लेते नहीं हैं या फिर इसकीहानियों को जानते हुए भी इससे बच्चों को नहीं बचा पाते क्योंकि हमारेपास कोई दूसरा विकल्प नहीं होता जो बच्चों की चॉकलेट की माँग कोपूरा कर सके । यहाँ चॉकलेट का एक …

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जैसा दोगे वैसा ही पाओगे – पूज्य बापू जी


यह सारा जगत ध्वनि और प्रतिध्वनि से जुड़ा है । हमारी जैसी ध्वनि होती है वैसी प्रतिध्वनि आती है । तुमने देखा होगा कि किसी खाली मकान के करीब आप जैसी आवाज बोलते हो वहाँ से वैसी ही ध्वनि आती है । आप बोलोगेः ‘तू सज्जन है’ तो वहाँ से आयेगा कि ‘तू सज्जन है’, …

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