ऋषि प्रसाद

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

अमरफल लाने वाला बालक रंगु – पूज्य बापू जी


मद्रास ( चेन्नई ) की घटना है । एक बच्चा था रंगु । एक दिन उसके पिता ने उसको पैसे दिये और कहाः ″जाओ बेटे ! फल-वल ले आओ, खायेंगे ।″ पैसे लेकर वह बबलू रंगु फल लेने गया । रास्ते में उसने देखा कि एक व्यक्ति कराह रहा है तो उसने पूछाः ″चाचा जी …

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मैं उसे कभी संत नहीं कहूँगा – संत तुकाराम जी


करिसी तें देवा… …विशीं करितां दंड ।। हे भगवान ! आपको मेरा जो करना है वह खुशी से करो लेकिन मैं मेरे मुख से उसे कभी संत नहीं कहूँगा जो राज्यसत्ता, धन आदि पाने की इच्छा रखता हो तथा दम्भ और मान-सम्मान की इच्छा के वश हो गया है । यद्यपि सारा संसार ईश्वरस्वरूप ही …

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सेवा का स्वरूप


आपकी सेवा का प्रेरक स्रोत क्या है ? किसी मनोरथ की पूर्ति के लिए सेवा करते हैं ? क्या अहंकार के श्रृंगार की आकांक्षा है ? क्या सेवा के द्वारा किसी को वश में करना चाहते हैं ? तो सुन लीजिये, यह सेवा नहीं है, स्वार्थ का तांडव नृत्य है । अपनी सेवा को पवित्र …

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