ऋषि प्रसाद

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

हर हृदय में ईश्वर हैं फिर भी दीनता-दरिद्रता क्यों ?


सारे शास्त्रों की घोषणा है कि ईश्वर सर्वव्यापक है, सर्वत्र विद्यमान है । यह सत्य है पर इससे व्यक्ति के अंतःकरण की समस्याओं का समाधान नहीं होता है । संत तुलसीदास जी कहते हैं- अस प्रभु हृदयँ अछल अविकारी । सकल जीव जग दीन दुखारी ।। ( श्री रामचरित. बा. कां. 22.4 ) ऐसा ईश्वर …

Read More ..

जीवन का मौलिक प्रश्न और उसका समाधान


आज का मौलिक प्रश्न हमारे सामने भोग की रुचि का नाश तथा सरस जीवन की प्राप्ति का है । इस मौलिक प्रश्न को हल करने के लिए ही हमें मिले हुए शरीर के द्वारा परिवार की, समाज की तथा संसार की सेवा करनी है । भोग नहीं करना है, सेवा करनी है । सेवा क्या …

Read More ..

जीवन की सारी समस्याओं का हलः गुरु-समर्पण


एक धर्मात्मा राजा था, जो प्रजा को पुत्रवत् स्नेह करते हुए शासन करता था । वह संसार से ऊब गया था अतः एक दिन अपने ब्रह्मज्ञानी सद्गुरु के आश्रम में जाकर उन्हें साष्टांग प्रणाम करते हुए बोलाः ″गुरुदेव ! मैं इस राज्य की झंझटों, समस्याओं से बड़ा दुःखी हो गया हूँ । एक समस्या हल …

Read More ..