ऋषि प्रसाद

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

परिक्रमा क्यों ?


भगवत्प्राप्त संत-महापुरुष के व्यासपीठ या निवास-स्थान की, उनके द्वारा शक्तिपात किये हुए वट या पीपल वृक्ष की, महापुरुषों के समाधि स्थल अथवा किसी देव प्रतिमा की किसी कामना या संकल्पमूर्ति हेतु जो परिक्रमा (प्रदक्षिणा) की जाती है उसके पीछे अत्यंत सूक्ष्म रहस्य छिपे हैं । इसके द्वारा मानवी मन की श्रद्धा-समर्पण की भावना का सदुपयोग …

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परमात्मप्राप्ति की आधारशिला – पूज्य बापू जी


‘बीमारी है, थकान है तो शरीर को है, चिंता है तो मन को है, राग-द्वेष है तो बुद्धि में है लेकिन प्रभु ! मुझमें तो तू और तुझमें मैं…’ ऐसा चिंतन बड़ा आसान तरीका है ईश्वरप्राप्ति का । यह आधारशिला मिलेगी तो जहाँ-तहाँ पवित्र होने के लिए भागना नहीं पड़ेगा, जब जरूरत पड़ी तब पवित्र …

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ऐसी वाणी सत्संग हो जायेगी – पूज्य बापू जी


बुरे संग, बुरे चलचित्रों से बचने का अभ्यास करो । कोई लूला-लँगड़ा है, गरीब है, कोई ऐसा-वैसा विद्यार्थी है तो उसको देखकर हँसो मत, मजाक मत करो । किसी से कोई चीज माँगकर लेते हो तो फिर वह चीज बिगड़े नहीं ऐसे उपयोग करके उसको वापस दो । शिष्टाचार से रहने का अभ्यास होगा तो …

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