Tithi-Tyouhar

भगवान के दर्शन से भी ऊँचा


  (पूज्य बापू जी के सत्संग प्रवचन से) आत्मसाक्षात्कार करना ही मनुष्य जीवन का एकमात्र उद्देश्य है। जीव, जगत (स्थूल जगत, सूक्ष्म जगत) और ईश्वर – ये सब माया के अन्तर्गत आते हैं। आत्मसाक्षात्कार माया से परे है। जिसकी सत्ता से जीव, जगत, ईश्वर दिखते हैं, उस सत्ता को मैं रूप से ज्यों का त्यों …

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उपासना का महत्त्व


  सनातन धर्म में निर्गुण निराकार परब्रह्म परमात्मा को पाने की योग्यता बढ़ाने के लिए अनेक प्रकार की उपासनाएँ चलती हैं | उपासना माने उस परमात्म-तत्व के निकट आने का साधन |ऐसे उपासना करनेवाले लोगों में विष्णुजी के साकार रूप का ध्यान-भजन, पूजन-अर्जन करनेवाले लोगों को वैष्णव कहा जाता है और शक्ति की उपासना करनेवाले …

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