दुर्गासप्तशती का आविर्भाव
मोह सकल व्याधिंह क्र मुला | तिन्ह से पुनि उपजहिं बहु सूला || ‘सब रोगों की जड़ मोह (अज्ञान) है | उन व्याधियों से फिर और बहुत-से-शूल उत्पन्न होते हैं |’ जिव को जिन चीजों में मोह होता है, देर-सवेर वे चीजे ही जिव को रुलाती हैं | जिस कुटुम्ब में मोह होता है, …