Tithi-Tyouhar

धन-धान्य, यश की वृद्धि के साथ अंतरात्मा की चिन्मय तृप्ति दिलाता श्राद्ध-कर्म


  धन-धान्य, यश की वृद्धि के साथ अंतरात्मा की चिन्मय तृप्ति दिलाता श्राद्ध-कर्म श्राद्ध पक्ष के दिनों में पितरों को अपने-अपने कुल में जाने की छूटछाट का विधान है । अतः श्राद्ध पक्ष में पितर विचरण करते हैं । जिनके यहाँ से अपने पितरों को अघ्र्य, कव्य मिलता है, उनके पितर तृप्त होकर जाते हैं …

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आयु, पुत्र, यश, स्वर्ग, पुष्टि, धन-धान्य देनेवाला श्राद्ध-कर्म


  (श्राद्ध पक्ष : 16 से 30 सितम्बर) आश्विन मास के कृष्ण पक्ष को ‘पितृ पक्ष’ या ‘महालय पक्ष’ बोलते हैं । आपका एक माह बीतता है तो पितृलोक का एक दिन होता है । साल में एक बार ही श्राद्ध करने से कुल-खानदान के पितरों को तृप्ति हो जाती है । श्राद्ध क्यों करें …

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