आँखें खोलिये, समझदार बनिये

आँखें खोलिये, समझदार बनिये


मैं विगत 10 वर्षों से मीडिया-जगत से जुड़ा हुआ हूँ। मैंने मीडिया की सच्चाई करीब से देखी है। पहले पत्रकारिता मिशन के रूप में हुआ करती थी, मगर आज यह पूरी तरह व्यवसाय बन चुकी है। आज समाचार बिकते हैं। मीडिया की स्वतन्त्रता का पत्रकार खुलकर दुरुपयोग कर रहे हैं। किसी भी बड़ी हस्ती पर आरोप लगाकर उसे बदनाम कर देना इनके दायें हाथ का खेल है। सच्चाई की तह तक जाना वे बेवकूफी समझते हैं। कुछ समय पूर्व संतशिरोमणि आसारामजी बापू पर चलायी गयी आरोपों की आँधी को हवा देने के बहुत ही घृणित कार्य को टी.वी. चैनलों व अखबारों ने बखूबी अंजाम दिया था। मामले की जाँच हुई, आरोपी पकड़े गये, सारे आरोप झूठे साबित हुए। उस समाचार को इन टी.वी. चैनलों व अखबारों ने दिखाने से परहेज कर लिया, क्यों ? क्या यही है इनकी निष्पक्षता ! जी नहीं, यही है आज के मीडिया के घिनौनी हकीकत। आज पूज्य बापू जी लोगों का कितना भला कर रहे हैं ! लोग उन्हें ईश्वर मानकर पूजा करते हैं, इसके पीछे क्या है ? ‘सबका मंगल, सबका भला’ की सुंदर भावना है, प्रेम है, उनकी रग-रग में सच्चाई और पवित्रता है। पूरे मीडिया-जगत को आज इन महापुरुष का सम्मान करना चाहिए तथा इनके सेवाकार्यों की विस्तृत रिपोर्ट दिखाकर प्रायश्चित भी करना चाहिए। मैं अखबारों के समाचार व टी.वी. चैनलों की बेबुनियाद न्यूज को सच मानने वाले लोगों को आगाह करता हूँ कि आँखें खोलिये, आप भी समझदार बनिये।

बी.आर. सिन्हा, प्रधान सम्पादक, टेंशन टाईम्स समाचार पत्र समूह, राजनांदगांव (छ.ग.)

सम्पर्कः 9407782731

स्रोतः ऋषि प्रसाद, मई 2010, पृष्ठ संख्या 29, अंक 209

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