1 अक्तूबर को टी.वी. चैनलों व 2 अक्तूबर को अखबारों द्वारा झूठी खबर प्रचारित की गयी कि बापू जी को पीडोफिलिया की बीमारी है, जोकि सरासर गलत है।
सरकारी वकील के सहयोगी वकील जो कि शिकायतकर्ता के भी वकील हैं, उन्होंने कोर्ट में पीडोफिलिया (बाल यौन शोषण से संबंध रखने वाली बीमारी) की जो बात कही थी, उसका मीडिया के सामने स्पष्टीकरण करते हुए कहा कि ‘जिसके ऊपर ऐसे आरोप लगते हैं उसे पीडोफिलिया हो सकता है, ऐसा हमने कहा था। हमने पीडोफिलिया का आरोप नहीं लगाया है।”
‘पीडोफिलिया की बात केवल उक्त वकील के दिमाग व समझ की महज एक उपज थी, उसमें कोई तथ्य भी नहीं था। उनकी बात की पुष्टि के लिए उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं था।
दूसरा, न्यायालय के द्वारा नियुक्त बोर्ड के द्वारा बापू जी के मेडिकल जाँच की गयी तब उसी बोर्ड के द्वारा दी गयी रिपोर्ट के अनुसार पूज्य बापू जी मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ हैं।
वास्तविकता यह होते हुए भी कुछ मीडिया ने पूज्य बापू जी को बदनाम करने के उद्देश्य से खबर फैलायी कि ‘सरकारी वकील ने कोर्ट में बापू जी की मेडिकल रिपोर्ट पेश की, जिसके मुताबिक वे पीडोफिलिया नाम की बीमारी से ग्रस्त हैं।’ कैसी नीची मानसिकता है !
स्रोतः ऋषि प्रसाद, अक्तूबर 2013, पृष्ठ संख्या 8, अंक 250
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