356 ऋषि प्रसाद: अगस्त2022

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

यदि ईश्वर के रास्ते जाने से कोई रोके तो… – पूज्य बापू जी


संत तुलसीदास जी को मीराबाई ने पत्र लिखा कि ‘घरवाले मेरेअऩुकूल नहीं हैं, मैं भक्ति नहीं कर पा रही हूँ । क्या करूँ ?’ तुलसीदासजी ने लिखाःजा के प्रिय न राम-बैदेही ।तजिये ताहि कोटि बैरी सम, जद्यपि परम सनेही ।।जो भगवान के रास्ते चलने में अनुकूल नहीं हैं, जिनको परमात्माप्यारा नहीं लगता वे चाहे बड़े …

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साधन अनेक, अंतिम स्वरूप एक


साधन दो प्रकार के होते हैं । एक वह जिसके द्वारा हम अपनेलक्ष्य को पहचानते या प्राप्त होता है या लक्षित होता है अर्थात् लक्ष्यका शोधन । अंतःकरण परमात्मा की प्राप्ति का साधन है । अतः उसकोशुद्ध करने के लिए जो कुछ किया जाता है उसको बहिरंग साधन कहतेहैं । जैसे बंदूक से लक्ष्य पर …

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…वे देर-सवेर परमात्म-साक्षात्कार तक पहुँच जाते हैं – पूज्य बापूजी


ध्यान लगाना अच्छा है लेकिन विकारों से बचना उससे भी अच्छाहै और विक्षेपरहित स्थिति में टिके रहना… ओहो ! यह तो सर्वोपरि है ।आकर्षण के समय आकर्षणरहित होना उसका एक ही उपाय है किजो आकर्षणरहित सत्तास्वरूप परमात्मा है उससे प्रीति, उसमें स्थिति होजाय ।आकर्षण के समय आकर्षण रहित होना, इसका एक ही उपाय हैकि जो …

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