चंचलता मिटाओ, सफलता पाओ
पूज्य बापू जी एकाग्रता सभी क्षेत्रों में सफलता की जननी, कुंजी है। यह एक अदभुत शक्ति है। ध्रुव और प्रह्लाद की सफलता में भी एकाग्रता एक कारण थी। हस्त चांचल्य, नेत्र चांचल्य, वाणी चांचल्य और पाद चांचल्य – ये चार प्रकार की जो चंचलताएँ हैं वे एकाग्रता में बड़ा विघ्न करती हैं। हस्त चांचल्यः हस्त …