वर्षा ऋतु में स्वास्थ्य-सुरक्षा
(वर्षा ऋतुः 21 जून 2015 से 22 अगस्त 2015 तक) वर्षा ऋतु का नमीयुक्त वातावरण जठराग्नि को मंद कर देता है। शरीर में पित्त का संचय व वायु का प्रकोप हो जाता है, जिससे वात-पित्त जनित व अजीर्णजन्य रोगों का प्रादुर्भाव होता है। अपनी पाचनशक्ति के अनुकूल मात्रा में हलका सुपाच्य आहार लेना और शुद्ध …