ऐसे सद्गुरु की शरण में जायें
समर्थ रामदासजी कोई औषधियों का प्रयोग, कीमियागरी (कीमिया – लोहे-ताँबे से सोना-चाँदी बनाने की विद्या), नजरबंदी और केवल दृष्टि से इच्छित वस्तु को तत्काल प्राप्त कर लेने का मार्ग बतलाते हैं। कोई साहित्य, संगीत, राग-ज्ञान, गीत, नृत्य, तान-मान और अनेक वाद्य सिखलाते हैं। ये सभी एक प्रकार के गुरु हैं। कोई पंचाक्षरी विद्या सिखाते हैं …