271 ऋषि प्रसादः जुलाई 2015

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

ऐसे सद्गुरु की शरण में जायें


समर्थ रामदासजी कोई औषधियों का प्रयोग, कीमियागरी (कीमिया – लोहे-ताँबे से सोना-चाँदी बनाने की विद्या), नजरबंदी और केवल दृष्टि से इच्छित वस्तु को तत्काल प्राप्त कर लेने का मार्ग बतलाते हैं। कोई साहित्य, संगीत, राग-ज्ञान, गीत, नृत्य, तान-मान और अनेक वाद्य सिखलाते हैं। ये सभी एक प्रकार के गुरु हैं। कोई पंचाक्षरी विद्या सिखाते हैं …

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ऋषि प्रसाद सेवादारों की सेवा सराहनीय है


पूज्य बापू जी (ऋषि प्रसाद जयंतीः 31 जुलाई 2015) ‘ऋषि प्रसाद’ के सेवाधारियों कि सेवा सराहनीय है। जो भी सेवाधारी ऋषि प्रसाद की सेवा करते हैं, उनकी जगह पर अगर वेतनभोगी रखें तो वे इतने प्रेम से सेवा नहीं करेंगे और उन्हें वह आनंद नहीं आयेगा जो सेवाधारियों को आता है। क्योंकि उनकी नज़र रुपयों …

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आध्यात्मिक खजाना भरने का सुवर्णकालः चतुर्मास


पूज्य बापू जी  (27 जुलाई 2015 से 22 नवम्बर 2015 तक) चतुर्मास में किया हुआ  व्रत, जप, संयम, दान, स्नान बहुत अधिक फल देता है। इन दिनों में स्त्री सहवास करने से मानव का पतन होता है। यही कारण है कि चतुर्मास में शादी-विवाह आदि सकाम कर्म नहीं किये जाते हैं। इन चार महीनों में …

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