पूज्य बापू जी के सदगुरु साँईं श्री लीलाशाहजी द्वारा पूज्य श्री को लिखा हुआ पत्र
दिनांकः 10 मार्च, 1969 प्रिय, प्रिय आशाराम ! विश्वरूप परिवार में खुश-प्रसन्न हो। तुम्हारा पत्र मिला। समाचार जाना। जब तक शरीर है तब तक सुख-दुःख, ठंडी-गर्मी, लाभ-हानि, मान-अपमान होते रहते हैं। सत्य वस्तु परमात्मा में जो संसार प्रतीत होता है वह आभास है। कठिनाइयाँ तो आती जाती रहती हैं। अपने सत्संग-प्रवचन में अत्यधिक सदाचार और …