285 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2016

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

ज्ञान की वृत्ति से अघोर बन जाओ-पूज्य बापू जी


मोकलपुर (उ.प्र.) के आसपास एक अघोरी बाबा रहते थे। वटवृक्ष के नीचे झोंपड़ी थी, बड़े विद्वान भी थे। वे रोज 3 मील दूर चले जाते हाँड़ी ले के फिर घंटों के बाद आनंदित हो के आते। अखंडानंद जी ने पूछा कि “बाबा ! आप रोज कहाँ जाते हैं ?” बोलेः “मैं उधर जाता हूँ, वहाँ …

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