277 ऋषि प्रसादः जनवरी 2016

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

अपना कर्तव्य मानकर बच्चे-बच्चियों की रक्षा करो


पूज्य बापू जी (मातृ-पितृ पूजन दिवसः 14 फरवरी) माँ-बाप का आदर करने वाले बच्चों की आयु, विद्या, यश और बल बढ़ते हैं लेकिन वेलेंटाइन डे के नाम पर लड़के-लड़कियाँ एक दूसरे को फूल दें और गंदी चेष्टा करें तो इससे दिन दहाड़े रज-वीर्य का नाश होता है। इससे उनकी यादशक्ति कमजोर होती है, तबीयत और …

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13 प्रबल शत्रुओं की उत्पत्ति और विनाश कैसे ?


एक बार युधिष्ठिर ने भीष्म पितामह से पूछाः “पितामह ! क्रोध, काम, शोक, मोह, विधित्सा (शास्त्र विरुद्ध काम करने की इच्छा), परासुता (दूसरों को मारने की इच्छा), मद, लोभ, मात्सर्य, ईर्ष्या, निंदा, दोषदृष्टि और कंजूसी (दैन्य भाव) – ये दोष किससे उत्पन्न होते हैं ?” भीष्म जी बोलेः “महाराज युधिष्ठिर ! ये तेरह दोष प्राणियों …

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स्वास्थ्यरक्षक मट्ठा


यथा सुराणाममृतं सुखाय तथा नराणां भुवि तक्रमाहुः। ‘जिस प्रकार स्वर्ग में देवों को सुख देने वाला अमृत  है, उसी प्रकार पृथ्वी पर मनुष्यों को सुख देने वाला तक्र है।’ (भावप्रकाश) दही में चौथाई भाग पानी मिलाकर मथने से तक्र तैयार होता है। इसे मट्ठा भी कहते हैं। ताजा मट्ठा सात्त्विक आहार की दृष्टि से श्रेष्ठ …

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