077 ऋषि प्रसादः मई 1999

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

किडनी (गुर्दा)


हम गुर्दे के बारे में बहुत कम जानते हैं। इसे अंग्रेजी में किडनी एवं हिन्दी में गुर्दा अथवा वृक्क कहा जाता है। जिस प्रकार नगरपालिका शहर को स्वच्छ रखती है वैसे ही किडनी शरीर को स्वच्छ रखती है। रस-रक्त में से मूत्र बनाने का महत्त्वपूर्ण कार्य किडनी करती है। शरीर में रस एवं रक्त में …

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ऋषि विज्ञान की रहस्यमयी खोज


पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू सृष्टि के अधिष्ठाता सच्चिदानंद  परमात्मा की सोलह कलाएँ हैं। जगत के जड़ चेतन पदार्थों तथा मानवेतर प्राणियों में उनमें से अलग-अलग कलाएँ निश्चित संख्या में विकसित होती हैं परन्तु मनुष्य में ईश्वर की संपूर्ण कलाओं को विकसित करने का सामर्थ्य होता है। श्रीकृष्ण में समस्त सोलह कलाएँ पूर्ण रूप से …

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आखिरी बात


पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू एक बार एक ब्रह्मवेत्ता महापुरुष को उनके शिष्य समुदाय ने घेर लिया एवं प्रार्थना कीः “गुरुजी ! हम सब आपके दर्शन तो कई बार करते हैं और अब हमें प्रभु के दर्शन करना चाहिए, प्रभुतत्त्व का साक्षात्कार करना चाहिए-यह सब भी हम समझते हैं, मानते हैं। अतः गुरुजी ! अब …

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