080 ऋषि प्रसादः अगस्त 1999

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

कंकोड़ा या खेखसा


बड़ी बेर जैसे गोल एवं बेलनाकार एक से डेढ़ इंच के, बारीक काँटेदार, हरे रंग के खेखसे केवल वर्षा ऋतु में ही उपलब्ध होते हैं। ये प्रायः पथरीली जमीन पर उगते हैं एवं एक दो महीने के लिए ही आते हैं। अंदर से सफेद एवं नरम बीजवाले खेखसों का ही सब्जी के रूप में प्रयोग …

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महर्षि कर्दम एवं देवहूति का दिव्य चरित्र


संत श्री आसाराम जी बापू के सत्संग-प्रवचन से धर्मस्य ह्यावर्ग्यस्य नार्थोઽर्थायोपकल्पते। नार्थस्य धर्मैकान्तस्य कामो लाभाय ही स्मृतः।। कामस्य नेन्द्रियप्रीतिर्लाभो जीवेत यावता। जीवस्य तत्त्वजिज्ञासा नार्थो यश्चेह कर्मभिः।। (श्रीमद् भागवतः 1.2.9,10) ʹधर्म का फल है मोक्ष। उसकी सार्थकता अर्थ प्राप्ति में नहीं है। अर्थ केवल धर्म के लिए है। भोग-विलास उसका फल नहीं माना गया है। भोग …

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