199 ऋषि प्रसादः जुलाई 2009

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

मंत्रदीक्षा से जीवन-परिवर्तन


-स्वामी श्री शिवानंद सरस्वती वेदों तथा उपनिषदों के प्राचीनकाल में आत्मानुभवी महात्माओं तथा ऋषियों को ईश्वर-सम्पर्क से जो सूक्ष्म-से-सूक्ष्म रहस्य प्राप्त हुए, मंत्र उन्हीं के विशेष रूप हैं । ये पूर्ण अनुभव के गुप्त देश में पहुँचाने वाले निश्चित साधन हैं । मंत्र के सर्वश्रेष्ठ सत्य का ज्ञान जो हमें परम्परा से प्राप्त हो रहा …

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सर्वार्थ-सिद्धि का मूलः सेवा


इस कलियुग में श्री शिवानंद स्वामी की पुस्तक ‘गुरुभक्तियोग’ गुरुभक्ति बढ़ाने में बड़ी मददगार है । उसमें लिखा है कि ‘गुरुभक्तियोग एक सलामत योग है ।’ जिसे सलामत योग का फायदा उठाना है उसे ‘गुरुभक्तियोग पढ़ना चाहिए । हमेशा सजाग रहो । ‘मेरा कुछ नहीं है, मुझे कुछ नहीं चाहिए । जो है वह इष्ट …

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सच्ची क्षमा


सन् 1956 के आस-पास की घटना है । एक तहसीलदार थे । उनका गृहस्थ-जीवन बड़ा दुःखमय था क्योंकि उनकी धर्मपत्नी ठीक समय पर भोजन नहीं बना पाती थी, जिस कारण उन्हें कार्यालय पहुँचने में अकसर बहुत देर हो जाती थी । उन्होंने पत्नी को हर तरह से समझाया । कई बार कठोर व्यवहार भी किया, …

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