घर से जाओ खाके तो बाहर मिले पका के
(पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से) अंतर्यामी ईश्वर की शरण लेने से मनुष्य का अवश्य कल्याण होता है । उसके सहारे सब कार्य करने से मानव कार्य के बोझ से मुक्त हो जाता है । क्रिया का भार अपने ऊपर लेने से अहंकार की उत्पत्ति होती है, काम बिगड़ जाते हैं । जो सबसे बड़ा …