235 ऋषि प्रसादः जुलाई 2012

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

प्रतिकूलता में विशेष भगवत्कृपा


मनुष्य अनुकूलता तो चाहता है पर प्रतिकूलता नहीं चाहता – यह उसकी कायरता है। अनुकूलता को चाहना ही खास बंधन है, इसके सिवाय और कोई बंधन नहीं है। इस चाह को मिटाने के लिए ही भगवान बहुत प्यार और स्नेह से प्रतिकूलता भेजते हैं। यदि जीवन में प्रतिकूलता आये तो समझना चाहिए कि मेरे ऊपर …

Read More ..

परम उन्नतिकारक श्रीकृष्ण-उद्धव प्रश्नोत्तरी


(पूज्य बापू जी की ज्ञानमयी अमृतवाणी से) उद्धव जी ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछाः “प्रभु ! मेरे मन में एक प्रश्न और उठता है कि दुःख क्या है ?” भगवान श्रीकृष्णः “भोग नहीं हैं, चीज-वस्तुएँ नहीं हैं, यह दुःख है ? नहीं। दुःख यह है कि ʹमुझे यह मिले, यह मिले….. मैं यह पाऊँ, यह …

Read More ..

मुनक्का एवं किशमिश


अंगूर को जब विशेषरूप से सुखाया जाता है तब उसे मुनक्का कहते हैं। अंगूर के लगभग सभी गुण मुनक्के में होते हैं। यह दो प्रकार का होता है – लाल और काला। मुनक्का पचने में भारी, मधुर, शीत, वीर्यवर्धक, तृप्तिकारक, वायु को गुदाद्वार से सरलता से निकलने वाला, कफ-पित्तहारी, हृदय के लिए हितकारक, श्रमनाशक, रक्तवर्धक, …

Read More ..