वर्षा ऋतु विशेष
(वर्षा ऋतुः 20 जून से 21 अगस्त) ग्रीष्म ऋतु में दुर्बल हुआ शरीर वर्षा ऋतु में धीरे-धीरे बल प्राप्त करने लगता है। आर्द्र वातावरण जठराग्नि को मंद करता है। वर्षा ऋतु में वात-पित्तजनित व अजीर्णजन्य रोगों का प्रादुर्भाव होता है, अतः सुपाच्य, जठराग्नि प्रदीप्त करने वाला वात-पित्तनाशक आहार लेना चाहिए। हितकर आहारः इस ऋतु में …