आखिरी चाबी गुरुदेव ने लगायी
पूज्य बापू जी के आत्मसाक्षात्कार दिवस पर विशेष आत्मनिष्ठ पूज्य बापू जी का सत्संग-प्रसाद मुझको साधनाकाल में ध्यान की, गहराइयों में आनंद तो आता था और उसमें टिकने का भी सब कुछ हो गया था फिर भी रहता था कि गुरु जी जैसे तो बने न ! मृत गाय दिया जीवन दाना, तब से लोगों …