257 ऋषि प्रसादः मई 2014

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

आवश्यकता है वीर सपूतों की


बात उस समय की है जब हिन्दुओं पर मुगलों का अत्याचार अपनी चरम सीमा पर था और हिन्दू अपने को दीन व लाचार मानकर सब सह रहे थे। औरंगजेब का खौफ महाराष्ट्र के गाँवों में छाया हुआ था। उसके क्रूर सैनिक आकर आतंक मचाते थे, युवतियों को उठाकल ले जाते थे, किसानों की भेड़-बकरियों व …

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अशुभ से लोहा लेना चाहिए – पूज्य बापू जी


  (शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वती की रिहाई के बाद 19 जनवरी 2005 को हुए सत्संग से) जब-जब अन्याय हुआ तो संतों ने ही लोहा लिया है। अंग्रेज इतना अन्याय करते थे तो संतों की प्रेरणा से ही लोगों में जागृति आयी और फिर गांधी जी भी तैयार हो गये। स्वामी रामतीर्थ का संकल्प, विवेकानंद जी …

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आखिर कौन हैं ये ?


डॉक्टर प्रतिभा शर्मा एम.ए., एम. फिल., एम.बी.ए, पी. एच. डी. (एक अदभुत सत्य घटना पर आधारित पुस्तक ‘आखिर कौन हैं ये ?’ भाग – 1 से संक्षिप्त) एक मुद्दे की सच्चाई जानने की इच्छा हुई जो पिछले 8 महीने से देश-विदेश के मीडिया में छाया हुआ है – ‘नाबालिक के यौन-शौषण के आरोप में विश्व …

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