भय की निवृत्ति कैसे हो ?
भय की निवृत्ति न एकांत में रहने से होती है और न भीड़ में रहने से। समाधि एकांत है, कर्म भीड़ है। इनसे भय की निवृत्ति नहीं होती। प्रेम से भी भय की निवृत्ति नहीं होती क्योंकि प्रेमास्पद के अहित की आशंका बनी रहती है। विद्वत्ता और लौकिक बुद्धिमत्ता से भी भय की निवृत्ति असम्भव …