289 जनवरी 2017 ऋषि प्रसाद

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

कीमत…. सिकंदर के साम्राज्य और मनुष्य-जीवन की


एक बार सिकंदर की मुलाकात आत्मसात संत से हो गयी। धन-वैभव के नशे से मतवाले बने सिकंदर के हावभाव देखकर उन्होंने कहाः ‘सिकंदर ! तुमने जो इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया है वह मेरी दृष्टि में कुछ भी नहीं है। मैं उसे दो कौड़ी का समझता हूँ।” सिकंदर उन ज्ञानी महापुरुष की बात सुनकर …

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संसार से तरने का शास्त्रीय उपाय


भगवान विष्णु ब्रह्मा जी की तपस्या से प्रसन्न होकर उनको ‘त्रिपाद्विभूतिमहानारायणोपनिषद्’ का गुरु शिष्य संवाद सुनाते हैं- श्रीगुरुभगवान को नमस्कार करके शिष्य पूछता हैः “भगवन् ! सम्पूर्णतः नष्ट हुई अविद्या का फिर उदय कैसे होता है ?” गुरु बोलेः “वर्षा ऋतु के प्रारम्भ में जैसे मेंढक आदि का फिर से प्रादुर्भाव होता है, उसी प्रकार …

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छोटे से मंत्र का जप करने से क्या होगा ?


बात उस समय की है जब पंडित गोपीनाथ कविराज अपने गुरुदेव स्वामी विशुद्धानंद जी के आश्रम में रहकर सेवा-साधना कर रहे थे। एक दिन उन्होंने गुरुदेव से पूछाः “गुरुदेव ! हम लोग साधारणतया चंचल मन से जप करते हैं, उसके अर्थ में तो मन लगता नहीं, फिर उसका लाभ ही क्या ?” गुरुजी बोलेः “बेटा …

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