297 ऋषि प्रसाद सितम्बर 2017

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

आत्मविजय का दिनः विजयदशमी


(विजयदशमीः 30 सितम्बर 2017) असत्य पर सत्य, अधर्म पर धर्म, दुराचार पर सदाचार, असुरों पर सुरों की जय का पर्व है विजयदशमी। भारतीय संस्कृति, उद्यम, साहस व धैर्य की पूजक है, बुद्धि, शक्ति और पराक्रम की उपासक है। व्यक्ति और समाज में ऐसे सदगुण दृढ़ हो जायें  इसलिए अपने पूर्वजों ने जिस उत्सव की व्यवस्था …

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ब्रह्मज्ञानी साक्षात् ब्रह्म ही हैं


पूज्य संत श्री आशाराम जी बापू का 54वाँ आत्मसाक्षात्कार दिवसः 21 सितम्बर मुंडकोपनिषद् (3.2.1) में आता हैः स यो ह वै तत्परमं ब्रह्म वेद ब्रह्मैव भवति नास्याब्रह्मवित्कुले भवति। ‘निश्चय ही जो कोई उस परम ब्रह्म-परमात्मा को जान लेता है वह ब्रह्म ही हो जाता है। उसके कुल में (अर्थात् संतानों में) कोई भी मनुष्य ब्रह्म …

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