303 ऋषि प्रसादः मार्च 2018

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

भगवान व संतों का अवतरण भारत में ही बारंबार क्यों ?


पूज्य बापू जी यह प्रकृति का विधान है कि जिसे जिस समय जिस वस्तु की अत्यंत आवश्यकता होती है उसे पूरी करने वाला उसके पास पहुँच जाता है अथवा तो मनुष्य स्वयं ही वहाँ पहुँच जाता है जहाँ उसकी आवश्यकता पूरी होने वाली है। मुझसे ‘विश्व धर्म संसद, शिकागो’ में पत्रकारों ने पूछाः “भारत में …

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बंधन बनाओ या मोक्ष, तुम स्वतंत्र हो


-स्वामी अखंडानंद जी सरस्वती यह संसार क्या है ? स्वर्ग कि नरक ? सुख कि दुःख ? अरे, यह न नरक है न स्वर्ग। यह तो साक्षात् ब्रह्म है। तुम अपनी दृष्टि से इसे नरक बना के रो सकते हो और अपनी दृष्टि से इसे स्वर्ग बनाकर हँस सकते हो। दोनों से उदासीन होकर तुम …

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….फिर आपकी बुद्धिरूपी कौसल्या के यहाँ राम प्रकटेंगे


-पूज्य बापू जी (श्रीरामनवमीः 25 मार्च 2018) दशरथ व कौसल्या के घर राम प्रकट हुए। भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी। कोसल देश की वह कौसल्या…. अर्थात् योगः कर्मसु कौशलम्। कुशलता पूर्वक कर्मवाली मति कौसल्या हो जायेगी और कौसल्या के यहाँ प्रकटेंगे दीनदयाला। इस कुशल मति का हित करने वाले सच्चिदानंद राम प्रकट होंगे। दस …

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