318 ऋषि प्रसादः जून 2019

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

शक्ति की वृद्धि कैसे करें ?


जिस प्रकार श्रम करने के लिए शरीर बलवान तथा अभ्यासी होना चाहिए, शब्द, स्पर्श, रूप, रसादि विषय ग्रहण करने के लिए इन्द्रियों में शक्ति होनी चाहिए अथवा किसी बात को मानने और उसी का मनन करने के लिए मन में स्वीकृति की भावना होनी चाहिए, उसी प्रकार विद्या-प्राप्ति व विचार करने के लिए बुद्धि में …

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गुरुमंत्र के प्रभाव से एक ने पाया ऋषि पद ! – पूज्य बापू जी


इतरा माता का पुत्र बालक ऐतरेय बाल्यकाल से ही जप करता था । वह न तो किसी की बात सुनता था, न स्वयं कुछ बोलता था । न अन्य बालकों की तरह खेलता ही था और न ही अध्ययन करता था । आखिर लोगों ने कहाः “यह तो मूर्ख है । कुछ बोलता ही नहीं …

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आत्मज्ञानी गुरु से बढ़कर कुछ नहीं – भगवान श्री रामचन्द्र जी


भावार्थ रामायण में आता है कि महर्षि वसिष्ठ जी द्वारा राम जी को आत्मज्ञान का उपदेश मिला और वे आत्मानंद में मग्न हो गये । तत्पश्चात् अद्वैत आनंद-प्रदाता सद्गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए श्रीराम जी कहते हैं- “हे गुरुदेव ! आपके कृपा-प्रसाद से मैं न कोई विधि अर्थात् शास्त्र-संगत व्यवहार देखता (मानता) हूँ, …

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