नादानों की नादानी और संत की करुणा
भक्त कोकिल साँईं वृंदावन में निवास करते थे । एक बार वे अयोध्या जा रहे थे तो एक सज्जन ने उन्हें बताया कि “कानपुर में मेरे एक मित्र रहते हैं । आप उनके घर अवश्य जाना । वे कानपुर के आगे आपको जहाँ भी जाना होगा वहाँ की हर व्यवस्था कर देंगे ।” इतना कहकर …