संतन के कारज सगल सवारे
भक्तमाल में बीठलदास जी की कथा आती है । बीठलदास का संत-सेवा में बड़ा अनुराग था । उन्हें भगवत्कृपा पर पूरा भरोसा था । उसी के बल पर वे अच्छे-अच्छे धनिकों की भी खुशामद नहीं करते थे और ईश्वर की कृपा से उनकी संत-सेवा भी चलती रहती थी । एक बार धन के मद में …