347 ऋषि प्रसादः नवम्बर 2021

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

जीवन की सारी समस्याओं का हलः गुरु-समर्पण


एक धर्मात्मा राजा था, जो प्रजा को पुत्रवत् स्नेह करते हुए शासन करता था । वह संसार से ऊब गया था अतः एक दिन अपने ब्रह्मज्ञानी सद्गुरु के आश्रम में जाकर उन्हें साष्टांग प्रणाम करते हुए बोलाः ″गुरुदेव ! मैं इस राज्य की झंझटों, समस्याओं से बड़ा दुःखी हो गया हूँ । एक समस्या हल …

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…ऐसों से नहीं ब्रह्मवेत्ता, महापुरुषों से ही मंगल होता है – पूज्य बापू जी


जो अपने को सुधारने से बचाना चाहता है वही जल्दी गुरु बनने का शौक रखता है । जो अपने को उपदेश देने से कतराता है वही उपदेशक बनने का शौक रखता है । अपने को उपदेश दो । दूसरों को उपदेश देने में, दूसरों को ठीक करने में मत लगो, अपने को ठीक करने में …

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पाँच प्रकार के गुरुभक्त – पूज्य बापू जी


गुरुभक्ति की महिमा गाते हुए भगवान शंकर माता पार्वती जी से कहते हैं- आकल्पजन्मकोटिनां यज्ञव्रततपः क्रियाः । ताः सर्वाः सफला देवि गुरुसन्तोषमात्रतः ।। ‘हे देवि ! कल्पपर्यंत के करोड़ों जन्मों के यज्ञ, व्रत, तप ओर शास्त्रोक्त क्रियाएँ – ये सब गुरुदेव के संतोषमात्र से सफल हो जाते हैं । (श्री गुरु गीता) आत्मवेत्ता सद्गुरुदेव के …

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