गुरुमुख जीवन ही जीवन है
जो गुरुमुखी जीवन जीते हैं, ब्रह्मवेत्ता संत-सद्गुरु के सिद्धान्त के अनुकूल अपना जीवन बनाते हैं, उनकी आज्ञा में चलते हैं उनको गुरुमुखता का क्या फल मिलता है और जो संत-सद्गुरु से विमुख व मनमुख हो के जीते हैं उनकी क्या गति होती है, जानते हैं इतिहास के कुछ दृष्टान्तों से । गुरुमुखता का फल बन …