Tithi-Tyouhar

श्राद्ध में भोजन कराने का नियम


  भोजन के लिए बना अन्न अत्यंत मधुर, भोजनकर्ता की इच्छा होना चाहिए । पात्रों में भोजन रखकर श्राद्धकर्ता को अत्यंत सुन्दर एवं मधुर वाणी से कहना चाहिए कि’ हे महानुभावो ! अब आप लोग अपनी इच्छा के अनुसार भोजन करे |’ फिर क्रोध तथा उतावलेपन को छोड़कर उन्हें भक्तिपूर्वक भोजन परोसते रहना चाहिए | श्राद्ध की …

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अभिश्रवन : वैदिक श्राद्धमंत्र का पाठ


  श्राद्ध में ब्राम्हणों को भोजन करते समय रक्षक मंत्र का पाठ करके भूमि पर तिल बिखेर दे तथा उन द्विजश्रेष्टों के रूप में अपने पितरों का ही चिंतन करे | रक्षक मंत्र इस प्रकार है : यज्ञेश्वरो यज्ञंसमस्तनेता भोक्ता व्ययात्मा हरीरिश्वरोत्र | तत्संनिधानाद्पयान्तु  सद्यो  रक्षांस्यशेशान्यसुराश्च्य सर्वे || ‘यहाँ संपूर्ण हव्य-फल के भोक्ता यज्ञेश्वर भगवान् …

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Rules of Distribution of Grains


  अन्न आदि के वितरण का नियम  जब निमंत्रित ब्राम्हण भोजन से तृप्त हो जाये तो भूमि पर थोडा-सा अन्न डाल देना चाहिए | आचमन के लिए उन्हें एक-एक बार शुद्ध जल देना आवश्यक है | तदनंतर भलीभांति तृप्त हुए ब्राम्हणों से आज्ञा लेकर भूमि पर उपस्थित सभी प्रकार के अन्न से पिंडदान करने का …

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