डॉ प्रेमजी के पत्र के जवाब का खंडन -2
आपने लिखा है “प्रभुजी का योगमार्ग से श्री लीलाशाहजी महाराज से संपर्क है और उनकी आज्ञा से बापू के घर मे आया है।… ये वचन प्रमाण सिद्ध नहीं है. ब्रह्मज्ञानी महापुरुष जब ब्रह्मलीन हो जाते है तब उनका सूक्ष्म शरीर वहीँ सूक्ष्म भूतों में विलीन हो जाता है. और स्थूल शरीर स्थूल भूतों में विलीन …