359 ऋषि प्रसाद: नवंबर-2022

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

दरिद्रता दूर, रोजी-रोटी में बरकत भरपूर – पूज्य बापू जी


दरिद्रता भगानी हो तो व्यर्थ खर्च न करो । ब्याज पर कर्ज ले के गाड़ियाँ न खरीदो एवं मकान न बनाओ । आवक बढ़ानी हो अथवा बरकत लानी हो तो मंत्र हैः ‘ॐ अच्युताय नमः’ जिसका पद कभी च्युत नहीं होता… इन्द्रपद भी च्युत हो जाता है, ब्रह्मा जी का पद भी च्युत हो जाता …

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बीरबल की बुद्धिमत्ता का कमाल – पूज्य बापू जी


‘सभा में कितने बहरे हैं ?’ अकबर ने बीरबल से पूछाः “राजदरबार में बहरे आदमी कितने हैं ?” बीरबल ने कहाः “अभी बताऊँ कि बाद में बताऊँ ?” “कैसे बताओगे ?” “मेरे पास एक युक्ति है ।” बीरबल ने बात-बात में एक मजाक किया और थोड़ी देर के बाद दूसरा किया । अकबर को कहाः …

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बंधन केवल मान्यता है


जीव बंधन से जकड़ा हुआ है । कर्म में बंधन है पाप-पुण्य का । भोग में बंधन है सुख-दुःख का । प्रेम में बंधन है संयोग-वियोग का । सृष्टि में चारों ओर भय, बंधन और परतंत्रता ही नज़र आते हैं । ऐसे में भय से, बंधन से, पराधीनता से मुक्ति कैसे हो, यह जिज्ञासा उत्पन्न …

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