युक्तेश्वर जी ने अपने शिष्य योगानंद जी से पहले ही दिन जो कहा उसे आप भी पढें..
गुरु में श्रद्धा गुरुभक्तियोग की सीढ़ी का प्रथम सोपान है। गुरु में श्रद्धा दैवी कृपा प्राप्त करने के लिए शिष्य को आशा एवं प्रेरणा देती है। गुरु में सम्पूर्ण विश्वास रखो। तमाम भय, चिंता और जंजाल का त्याग कर दो, बिल्कुल चिंतामुक्त रहो।गुरु के उपदेशों का आज्ञापालन या उनके मार्गदर्शन के आगे समर्पण गुरु-शिष्य संबंध …