Gurubhaktiyog

योगी की अजब अनोखी आज्ञा


गुरू के प्रति सच्चे भक्तिभाव की कसौटी, आंतरिक शांति और उनके आदेशों का पालन करने की तत्परता में निहित है । गुरुकृपा से जिनको विवेक और वैराग्य प्राप्त हुआ है, उनको धन्यवाद है । वे सर्वोत्तम शांति और सनातन सुख का भोग करेंगे । यह चबूतरे ठीक नहीं बने, इसलिए इनको गिराकर दोबारा बनाओ । …

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बाबा बुल्लेशाह कथा प्रसंग भाग 10


बुल्ले शाह का ऐसा बेढंगा रूप देखकर इनायत शाह भी मंद मंद मुस्कुरा उठे, बुल्लेशाह दौड़कर महफिल के चबूतरे पर खड़ा होकर गाने लगा कि,चाहे यह दुनिया सौ बाते बनाएं, मखौलो के कितने ही तूफां उठाए।*मुझपर श्रद्धा की बीजली गिरी है, मुझे अब किसी की भी परवाह नहीं है।* बुल्लेशाह ने इनायत की तरफ इशारा …

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बाबा बुल्ले शाह कथा प्रसंग भाग -9


बुल्लेशाह के पिताजी ने बुल्लेशाह को हँसी-खुशी उस के गुरु के पास रहने की अनुमति दे दी। इनायत की रंगी दुनिया में बुल्लेशाह का खूब-खासा बसर होने लगा।जाहिर है जब शिष्य समस्त क़ायनात के सुख-वैभव, नजारों को लतिया डाले तो गुरु के शाही खजाने उसके लिए लूटने को बेकरार कैसे न हो?इनायत शाह ने बुल्लेशाह …

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