क्यूँ शिष्य गुरु के पास हाथ में समिधा लिए जाते है, क्या कारण है पढि़ये …
सत्य के साधक को मन एवं इंद्रियों पर संयम रखकर अपने आचार्य के घर रहना चाहिए और खूब श्रद्धा एवं आदरपूर्वक गुरु की निगरानी में शास्त्रों का अभ्यास करना चाहिए। शिष्य को चुस्तता से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और आचार्य की पूजा करनी चाहिए। शिष्य को चाहिए कि वह आचार्य को साक्षात ईश्वर के …