कितना ख्याल रखते हैं अंतर्यामी गुरुदेव !
एक साधिका बहन ने अपने जीवन में घटित एक प्रेरणादायी प्रसंग बतायाः लगभग सन् 1980 की बात है। पूज्य बापू जी गंगा-किनारे एकांतवास हेतु अहमदाबाद से हरिद्वार जाने वाले थे। उससे एक दिन पहले पूज्य श्री ने मुझसे कहाः “बेटी ! अपनी माँ की अच्छी तरह से सेवा करना।” मुझे आश्चर्य हुआ कि ‘बापू जी …