120 ऋषि प्रसादः दिसम्बर 2002

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

आज्ञा नहीं सम साहेब सेवा


संत श्री आसाराम जी बापू के सत्संग-प्रवचन से कुछ वर्ष पहले पंजाब का एक युवान साधक अपना सर्वस्व त्यागकर, आत्मदेव के दर्शन करा सकें – ऐसे सदगुरु की खोज में निकला। जिन्हें हो प्यास दर्शन की, वे खुशनसीब होते हैं। चल पड़ें दो कदम तो, रब उनके करीब होते हैं।। अध्यात्म का मार्ग ही ऐसा …

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