213 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2010

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

पहले डॉक्टर फिर आई.ए.एस. बनी


जब मैं 8वीं कक्षा में पढ़ती थी तभी मैंने पूज्य बापू जी से सारस्वत्य मंत्र की दीक्षा ली थी। नियमित मंत्रजप, ध्यान के साथ-साथ पूज्य बापू जी के द्वारा आयोजित विद्यार्थी शिविरों में भी मैं भाग लेती रही। सत्संग में पूज्य बापू जी के श्रीमुख से सुनाः ‘उठो जागो और तब तक मत रूको जब …

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परिवर्तन नहीं परिमार्जन


(पूज्य बापूजी का सत्संग-वचनामृत) अर्जुन के सामने भगवान श्रीकृष्ण खड़े हैं, फिर भी उनका भय नहीं गया, शोक नहीं गया। जब उसने श्रीकृष्ण का सत्संग सुना और उस अनुसार अपने आत्मा का ज्ञान जगाया तो अर्जुन का भय भी नहीं रहा, शोक भी नहीं रहा, दुःख भी नहीं रहा और युद्ध जैसा घोर कर्म किया …

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पपीहे जैसा नियम हो तो प्रभुप्राप्ति इसी जन्म में हो जाय


जयदयालजी गोयन्दका कोई भी मनुष्य यदि दृढ़ निश्चय कर ले कि आज भगवान अवश्य मिलेंगे तो इसमें कोई संदेह नहीं कि उसे भगवान आज मिलेंगे। ऐसा निश्चय करना तो अपना काम है। इसमें भगवान की दया को भी निमित्त बना लें। जैसे कोई परम मित्र के पहुँचने का तार आ जाय तो हम उसके स्वागत …

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