247 ऋषि प्रसादः जुलाई 2013

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

जो सदगुरु से करता तादात्म्य विश्व गाता उसका माहात्म्य


पूज्य बापू जी रोम के बादशाह ने सोने की सलाई और सोने-चाँदी व रत्नों से जड़ित डिब्बी में दो आँखों में लग सकें इतना सुरमा भारत के राजा को भेजा और कहलवाया कि ʹकोई भी अंधा आदमी अगर इस सुरमे को लगायेगा तो वह देखने लग जायेगा।ʹ वह भारत के राजा की परीक्षा लेना चाहता …

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आत्ममहिमा में जगाने वाला पर्वःगुरूपूनम – पूज्य बापू जी


जन्म-जन्मांतर तक भटकाने वाली बुद्धि को बदलकर ऋतम्भरा प्रज्ञा बना दें, रागवाली बुद्धि को हटाकर आत्मरति वाली बुद्धि पैदा कर दें, ऐसे कोई सदगुरु मिल जायें तो वे अज्ञान का हरण करके, जन्म-मरण के बंधनों को काटकर तुम्हें स्वरूप में स्थापित कर देते हैं। आज तक तुमने दुनिया का जो कुछ भी जाना है, वह …

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