जो सदगुरु से करता तादात्म्य विश्व गाता उसका माहात्म्य
पूज्य बापू जी रोम के बादशाह ने सोने की सलाई और सोने-चाँदी व रत्नों से जड़ित डिब्बी में दो आँखों में लग सकें इतना सुरमा भारत के राजा को भेजा और कहलवाया कि ʹकोई भी अंधा आदमी अगर इस सुरमे को लगायेगा तो वह देखने लग जायेगा।ʹ वह भारत के राजा की परीक्षा लेना चाहता …