249 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2013

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

इष्ठनिष्ठा, दृढ़ता व आत्मविश्रांति से सफलता


हनुमानजी श्रीरामजी की आज्ञा से दूत बनकर सीताजी के पास लंका जा रहे थे। रास्ते में देवताओं, गंधर्वों आदि ने उनके बल, पराक्रम व सेवानिष्ठा की परीक्षा के लिए नागमाता सुरसा को प्रेरित किया। तब सुरसा ने विकराल राक्षसी का रूप बनाया और समुद्र लाँघ रहे हनुमान जी को घेरकर अट्टहास करने लगीः “हाઽઽઽ….. हाઽઽઽ…. …

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घर के झगड़ों को कैसे बदलें प्रेम में ? – पूज्य बापू जी


ʹयह बहू तो ऐसी है… क्या करें, आजकल की तो परायी जाइयाँ आयीं, जमाना बिगड़ गया है। वह ऐसी है, फलानी ऐसी है…ʹ अरे ! तू भी तो पराई जाई है। अभी नानी और दादी बनकर बैठी है, तू इस घर की जाई है क्या ! तो सासुमाताओ ! परायी जाइयों की निंदा न करो …

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स्वास्थ्य व पर्यावरण सुरक्षा का अमोघ उपायः गाय का घी


देशी गाय का घी शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास एवं रोग-निवारण के साथ पर्यावरण-शुद्धि का एक महत्त्वपूर्ण साधन है। इसके सेवन से- बल, वीर्य व आयुष्य बढ़ता है, पित्त शांत होता है। स्त्री एवं पुरुष संबंधी अनेक समस्याएँ भी दूर हो जाती हैं। अम्लपित्त (एसिडिटी) व कब्जियत मिटती है। एक गिलास दूध में एक चम्मच …

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